मेरे बच्चों की तरफ देखा तो काट खाऊंगी: काजोल

ऐक्ट्रेस ने अपने लंबे करियर में कई सशक्त किरदारों को जीवंत किया है। इसी कड़ी में अगली फिल्म 'तानाजी: द अनसंग' वॉरियर में वह तानाजी की पत्नी सावित्री मालुसरे का किरदार निभा रही हैं। इस मुलाकात में उन्होंने परिवार और करियर को लेकर बात की: तानाजी आपकी पहली थ्री डी, पहली हिस्टॉरिकल फिल्म और पहला मराठी किरदार है, सावित्री मालुसरे के किरदार को आप किन मायनों में खास मानती हैं?हां, ये तीनों चीजें पहली बार हैं और इन सबमें बहुत मेहनत गई। दो-ढाई घंटे तो केवल साड़ी पहनने में लगते थे। सावित्री मालुसरे एक स्ट्रॉन्ग, फेमिनिन किरदार है। वह उस काल की कंप्लीट वुमन है। दरअसल, तब इतनी रेखाएं भी नहीं थीं कि औरतें क्या कर सकती हैं और क्या उनको करना चाहिए? तब औरतें सबकुछ करती थीं, आदमी भी सब करते थे। तब किसी को बॉक्स में नहीं बांधा गया था। बेशक कुछ चीजें थीं, लेकिन ज्यादातर हम जैसे रहना चाहें, हमें रहने की आजादी थी। इतना सोशल प्रेशर नहीं था कि हमें एक खास तरह से होना चाहिए। वह बहुत स्ट्रॉन्ग महिला थीं, जिसने अपने फैसले खुद लिए। आपके हिसाब से तब भी औरतें इतनी मजबूत थीं कि अपने फैसले खुद ले सकें, लेकिन आज भी हमें फेमिनिजम की बातें करनी पड़ती हैं। आपकी फेमिनिजम की परिभाषा क्या है?मेरे हिसाब से फेमिनिजम एक अंदरूनी शक्ति है। इसका कतई मतलब नहीं है कि आपको हमेशा पैंट पहनना है या आपको हमेशा घर से बाहर जाकर ही काम करना है। इसका मतलब यह है कि आप अगर चाहें, तो ये कर सकें। इसका मतलब है कि आप जैसी हैं, वैसी खुश रह सकें, आदमी के साथ या उसके बिना। फेमिनिजम मेरे लिए ये नहीं है कि अरे, हमें ये करना चाहिए, हमें वो करना चाहिए, मेरी सोच ऐसी नहीं है। मेरे लिए फेमिनिजम यह है कि मैं खूबसूरत साड़ी भी पहन सकूं, पॉलिटिक्स पर भी चर्चा कर सकूं, कुकिंग पर भी चर्चा कर सकूं, बच्चे की परवरिश पर भी चर्चा कर सकूं, इन सभी मामलों में अपनी राय रख सकूं। बेसिकली, मैं जो चाहूं, उसे चुन सकूं और यह मर्द-औरत दोनों के लिए है। देखा जाए, तो मर्दों के लिए भी एक दायरा बना दिया गया है कि आदमी अगर न कमाए तो सफल नहीं है, घर चलाने की जिम्मेदारी उसकी है, वह रो नहीं सकता, हमने उनको भी इतना बांध दिया है। हमने अपने आदमियों को भी बांध दिया, औरतों को भी बांध दिया, तो कौन बचा? (हंसती हैं)। बहुत से लोगों का मानना है कि आपको करियर से ब्रेक नहीं लेना चाहिए, क्योंकि आप इतनी बेहतरीन अदाकारा हैं। आप इस बारे में क्या सोचती हैं?मैं ऐसी चीजों के बारे में सोचती ही नहीं हूं, क्योंकि उनके हिसाब से तो मैंने सौवां कमबैक कर लिया है। कितनी बार पूछा जाता है कि ये आपकी कमबैक पिक्चर है, तो मैं कहती हूं, हां, 6 महीने के बाद तो कमबैक ही होगी न, (जोर से हंसती हैं)। मतलब हर बार जब मैं पिक्चर करती हूं, तो होता है कि ये आपकी कमबैक है। भई, मुझे कमबैक नहीं करना है। मैं तब काम करती हूं, जब मैं चाहती हूं। खुशकिस्मती से मैं उस पोजिशन में हूं कि यह चुन सकूं कि मुझे काम करना है या नहीं। यह मेरी चॉइस है। इसका न तो यह मतलब है कि मैंने कोई ब्रेक लिया, न ही यह कोई कमबैक है। मैं काम को लेकर चूजी हूं। आगे आप अपनी पर्सनल और प्रफेशनल लाइफ को कैसे बैलेंस करना चाहती हैं?मेरे बच्चे हमेशा सबसे बड़ी प्रायॉरिटी हैं और रहेंगे। मेरे बच्चे और मेरा परिवार हमेशा मेरे लिए नंबर एक से नंबर दस तक रहेंगे। वहीं, काम करने से मेरे अंदर एक हिस्सा पूरा होता है, वरना वह भूख बनी रहती। लेकिन मेरे बच्चे मेरी जिंदगी है और मैंने ईमानदारी से कहा है कि मैं उस दिशा में बहुत महत्वाकांक्षी नहीं हूं। मुझे अपनी जिंदगी में बैलेंस चाहिए। मुझे थोड़ा काम भी चाहिए। मुझे अपनी फैमिली भी अच्छी तरह से रखनी है और टचवुड मैं यह कर पा रही हूं। आप खुद को कितना प्रटेक्टिव मदर मानती हैं?मैं बहुत प्रटेक्टिव हूं। मुझे लगता है कि मैं काट खाऊंगी, अगर किसी ने मेरे बच्चों की तरफ आंख उठाने की कोशिश भी की, लेकिन मुझे यह भी लगता है कि आपको कहीं न कहीं अपने बच्चों, अपनी परवरिश पर भरोसा रखना होगा कि आपके बच्चे जिंदगी की चुनौतियों को हैंडल कर लेंगे। आप उनको इतना तो बचाकर नहीं रख सकते, आप चाहे जितनी कोशिश करें। हालांकि, कोशिश तो रोज जारी है, लेकिन आपको यह भरोसा भी रखना होगा कि आपके बच्चे इतने स्ट्रॉन्ग हैं। तानाजी में आपकी और की जोड़ी 10 साल बाद परदे पर आ रही है। इतने सालों बाद एक को-स्टार के तौर पर आपने उनमें क्या बदलाव पाया?हां, हमारी जोड़ी 10 साल बाद वापस आ रही है, क्योंकि हम कोई रेग्युलर पिक्चर नहीं कर सकते थे। हमारा एक ऑनस्क्रीन रिश्ता रहा है। वहीं, रियल लाइफ में भी सभी जानते हैं कि हम 20 साल से शादीशुदा हैं, तो अगर हम साथ में फिल्म करें, तो वह कुछ ऐसा होना चाहिए, जो हमने पहले नहीं किया। अगर हम वही रेग्युलर रोमांस कर रहे हैं, 4 गाने कर रहे हैं, तो आप उसे देखने क्यों जाएंगे। एक को-स्टार के तौर पर अजय में मैंने बहुत बदलाव देखा है, लेकिन उसमें सिर्फ और सिर्फ जबरदस्त ग्रोथ देखा है। एक ऐक्टर के तौर पर भी और एक इंसान के तौर पर भी। वह एक ऐसे ऐक्टर हैं, जिसने हर तरह का सिनेमा किया है, वह चाहे कॉमिडी हो, ऐक्शन हो, रोमांस हो, रॉमकॉम हो या थ्रिलर, उन्होंने हर तरह का सिनेमा किया है और उसमें सक्सेसफुल रहे हैं, जो अपने में लाजवाब बात है।


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