'रोल अच्छा हो तो बूढ़ा बनने के लिए भी तैयार हूं'

लीक से हटकर फिल्में हों या वेब-सीरीज, किरदार पिता का हो या विलेन का, ऐक्टर इन दिनों बेधड़क होकर खूब प्रयोग कर रहे हैं। उनकी अगली फिल्म '' भी ऐसी ही एक नजीर है, जिसमें वह नेगेटिव रोल में हैं। एक खास मुलाकात के दौरान गिटार की मद्दिम धुनें छेड़ते हुए उन्होंने हमसे की यह बातचीत: आप और अजय देवगन आखिरी बार ओमकारा में साथ नजर आए थे। उसमें भी आप नेगेटिव रोल में थे। अब ताना जी में भी आप नेगेटिव रोल में हैं। विलन का रोल करने में कोई हिचक नहीं रही?नहीं, वह (ओमकारा में लंगड़ा त्यागी) भी एक माइंडब्लोइंग विलन था और यह (तानाजी में उदयभान) भी एक माइंड ब्लोइंग विलन है। पता नहीं क्यों, उनको मैं ही मिलता हूं, विलन के लिए, लेकिन अच्छा है। यह बहुत स्ट्रॉन्ग रोल है और बहुत मुश्किल भी। वह थोड़ा पागल है, लार्जर दैन लाइफ भी है, एक आइटम है, तो हर सीन में थोड़ा ड्रामा है। उसकी एक अलग चाल है, बात करने का अलग ढंग है। ये सब मेरे लिए नया था, क्योंकि मैं थिएटर ऐक्टर नहीं हूं। जबकि, यह बहुत ही थिएट्रिकल परफॉर्मेंस है, तो इसे निभाने में थोड़ा डर भी लगा। मैंने अपनी मां को जब बताया, तो उन्होंने कहा कि अपना बेवकूफ मत कटवाना (हंसते हैं), मतलब ओवर मत करना। इस किरदार को समझने में थोड़ा टाइम भी लगा, लेकिन बहुत मजा आया। आप इस वक्त काफी एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। वेब-सीरीज हो, नेगेटिव रोल हो या फादर का रोल हो। आप हर तरह के रिस्क ले रहे हैं। इसकी क्या वजह है?मैं ऐक्टिंग इंजॉय कर रहा हूं। मुझे मजा आ रहा है। अभी भी मुझे ऐसे रोल मिल रहे हैं, लेकिन अभी मुझे ज्यादा एक्सपेरिमेंट नहीं करना है। अब जो भी प्रयोग करना है, कमर्शल जोन में करना है। हालांकि, जो मैंने अभी किया, उसमें भी काफी मजा आया, जैसे कालाकांडी। उसमें ऐक्टिंग के बारे में मैंने काफी कुछ सीखा। मैंने चाहता था कि मैं किसी इमेज में न बंधू। मैं जितना अच्छा ऐक्टर बन सकता हूं, जितनी जल्दी सीख सकूं, मुझे सीखना चाहिए, क्योंकि ऐक्टर का दौर चल रहा है। अब पिक्चरें चलीं, नहीं चलीं, वह ऐक्टर के हाथ में पूरी तरह होता नहीं है। कभी-कभी फिल्म ऑडियंस के हिसाब से नहीं होती है। कुछ डायरेक्टर्स थोड़ी यूरोपियन स्टाइल की फिल्म बनाते हैं, जैसे शेफ अच्छी फिल्म थी, पर उसमें शायद थोड़ा और मसाला हो सकता था। लाल कप्तान भी बुरी फिल्म नहीं थी, लेकिन हमारी फिल्मों का फ्लेवर कुछ और है। वैसे, मुझे मसाला फिल्में करने में ज्यादा मजा आता है, लेकिन पता नहीं क्यों, मैं थोड़ा भटक गया (हंसते हैं), मैं थोड़ा आर्टी और यूरोपियन जोन में चला गया, जो नहीं जाना चाहिए था। 'जवानी जानेमन' के बाद राहुल ढोलकिया की फिल्म में भी आप पिता का रोल कर रहे हैं?हां, लेकिन दोनों बहुत अनकंवेशनल (गैरपारंपरिक) फादर हैं। वे रेग्युलर बेटी तुम कहां जा रही हो, वाले फादर नहीं हैं। जवानी जानेमन में तो वह यकीन ही नहीं करता है कि वह पिता है। वह खुद को जवान ही समझता है। उसको पार्टी करनी है, तो ये रेग्युलर फादर रोल नहीं हैं, हालांकि मुझे तो उसमें भी कोई प्रॉब्लम नहीं है। वैसे, अब ये मां का रोल, पिता का रोल, करैक्टर रोल, ऐसा कुछ रह नहीं गया है, अब ये सब बदल रहा है। मैं वैसे भी अपनी उम्र को लेकर सहज हूं। मैं जवान बने रहने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। काम इंट्रेस्टिंग हो, तो मैं बूढ़े का रोल करने को भी तैयार हूं। आप इंडस्ट्री के एक ऐसे ऐक्टर हैं, जो इतिहास-राजनीति आदि में काफी जानकारी रखते हैं, लेकिन आम तौर पर आप सामाजिक-राजनीति मुद्दों पर बोलते नहीं दिखते। ऐसा क्यों?पता नहीं, मुझे लगता है कि एक टाइप का इंसान होता है, जो सोशल-पॉलिटिकल मुद्दों पर बात करता है। एक तो, मेरे साथ वैसे ही इतने सारे विवाद जुड़ते रहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मेरा इंस्टिंक्ट नहीं है। मैं सब चीजों पर बोलने के लिए उतनी मजबूती से महसूस नहीं करता हूं। मैं अपनी जिंदगी के जरिए एक उदाहरण पेश करने की कोशिश करता हूं। मुझे लगता है कि इसका ईमानदार जवाब ये होगा कि मैं अपने को थोड़ा समझने की कोशिश कर रहा हूं और अगर मैं किसी चीज के बारे में शिद्दत से महसूस करूंगा, तो मैं बोलूंगा। आपका परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। ने भी बाद में राजनीति में जाने का इरादा जाहिर किया है…।(बीच में ही ) वाकई! वह नेता बनना चाहती है? वॉव, ये उसकी मां ने भी कहा था, शायद इसलिए, हां, तो आपका सवाल क्या था। आपका राजनीति में कभी रुझान नहीं रहा?नहीं। मुझमें वह क्षमता नहीं है, मेरी ताकत वह नहीं है, लेकिन हमें राजनीति में अच्छे लोगों की जरूरत है। सारा अच्छी इंसान है, मैं उम्मीद करता हूं कि वह देश के लिए अच्छा करेंगी।


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