हाल ही में MX Player पर रिलीज हुई बॉबी देओल की वेब सीरीज 'आश्रम' को अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स मिल रहा है। इस बीच ऐक्‍टर को भी हिंदी फिल्म इंडस्‍ट्री में 25 साल पूरे हो गए। हाल ही में उन्‍होंने बॉलिवुड में चल रही नेपोटिजम की बहस पर कहा कि सरनेम के दम पर 25 साल तक इंडस्ट्री में टिका नहीं रहा जा सकता है। बॉबी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, 'सिर्फ पारिवारिक पृष्ठभूमि कलाकार को फिल्मों की इस गला-काट दुनिया में नहीं रहने दे सकती लेकिन कड़ी मेहनत और टैलंट के दम पर ऐसा हो सकता है। इस इंडस्ट्री में बने रहने के लिए जरूरी है कि हमारा काम अच्छा हो। हर कोई किसी न किसी परिवार से आता है लेकिन केवल आपके परिवार का नाम आपको इंडस्‍ट्री में 25 साल तक नहीं टिके रहने दे सकता है।' माता-पिता चाहते हैं, बच्‍चे उनके नक्‍शे-कदम पर चलें बॉबी ने आगे कहा, 'हमारे माता-पिता हमें अच्छी शिक्षा, परवरिश, सब कुछ देते हैं। जब बच्चे बड़े होते हैं तो डॉक्टर की इच्छा अपने बच्चे को डॉक्टर बनाने की होती है, वैसा ही हर फील्‍ड के लिए है। फिर चाहे बिजनेसमेन हो, मीडिया से जुड़ा कोई हो, सभी चाहते हैं कि उनके बच्चे उनके नक्‍शेकदम पर चलें। मेरे पिता ऐक्‍टर हैं, इसलिए उन्होंने हमारे लिए वही सोचा। शुरुआत में इसका फायदा होता है लेकिन उसके बाद की जर्नी तो अकेले ही करनी पड़ती है।' प्रकाशजी के ऑफिस से फोन आया तो हो गया एक्‍साइटेड बॉबी इन दिनों कई वेब सीरीज में नजर आ रहे हैं। डायरेक्‍टर प्रकाश झा की 'आश्रम' से पहले उनकी 'क्‍लास ऑफ 83' रिलीज हुई है। इस बारे में बात करते हुए वह कहते हैं, 'मैं अपने करियर की शुरुआत से ही प्रकाशजी के साथ काम करने की कोशिश कर रहा हूं। वह एक अनुभवी और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म प्रड्यूसर हैं। यही वजह थी कि जैसे ही मुझे उनके ऑफिस से मिलने के लिए फोन आया, मैं बहुत एक्‍साइटेड हो गया। उन्होंने मुझे कहानी सुनाकर यह किरदार निभाने के लिए कहा तो मैं आश्चर्यचकित था क्योंकि किसी ने कभी सोचा ही नहीं था कि मैं ऐसे कैरक्‍टर भी निभा सकता हूं।'


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