lyricist Abhilash Death: 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' के लिरिसिस्ट अभिलाष ने दुनिया को कहा अलविदा

फिल्म और म्यूज़िक इंडस्ट्री से बुरी खबरों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। म्यूजिक इंडस्ट्री के फेमस लिरिसिस्ट अभिलाष ने भी इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। अभिलाष मशहूर प्रार्थना 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' के लिए जाना जाते रहे हैं। बताया जाता है कि अभिलाष ने बीती रात आखिरी सांस ली। यहां यह भी बता दें कि कि उनकी मौत की वजह कोरोना नहीं है बल्कि कैंसर है। वह लंबे समय से कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे थे। बताया जाता है रि मार्च में उन्होंने पेट के एक ट्यूमर का ऑपरेशन कराया था। तभी से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। बीती आधी रात को गोरेगांव पूर्व के शिव धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी बेटी और दामाद बैंगलोर में रहते हैं। 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' गीत के अलावा अभिलाष जी के लिखे सांझ भई घर आजा (लता), आज की रात न जा (लता), वो जो ख़त मुहब्बत में (ऊषा), तुम्हारी याद के सागर में (ऊषा), संसार है इक नदिया (मुकेश), तेरे बिन सूना मेरे मन का मंदिर (येसुदास) आदि सिने गीत भी बेहद लोकप्रिय हुए। अभिलाष जी 40 सालों से फ़िल्म जगत में सक्रिय हैं। गीत के अलावा उन्होंने कई फ़िल्मों में बतौर पटकथा-संवाद लेखक भी योगदान किया है। कई टीवी धारावाहिको़ं की स्क्रिप्ट लिखी है। उनके गीत, संगीत की दुनिया की अमूल्य थाती हैं। संवाद लेखन और गीत लेखन के लिए अभिलाष को सुर आराधना अवार्ड, मातो श्री अवार्ड, सिने गोवर्स अवार्ड, फ़िल्म गोवर्स अवार्ड, अभिनव शब्द शिल्पी अवार्ड, विक्रम उत्सव सम्मान, हिंदी सेवा सम्मान और दादा साहेब फाल्के अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। अदालत, धूप छाँव, दुनिया रंग रंगीली, अनुभव, संसार, चित्रहार, रंगोली और ॐ नमो शिवाय जैसे अनेक लोकप्रिय धारावाहिकों में अभिलाष ने अपनी क़लम की छाप छोड़ी है। संगीतकार कुलदीप सिंह ने इस गीत को एन चंद्रा की फिल्म अंकुश (1985) के लिए संगीतबद्ध किया था। इससे पहले फ़िल्म 'साथ साथ' में कुलदीप सिंह का संगीत सुपरहिट हो चुका था। चंद्रा जी को उस समय चंदू कहा जाता था। वे फ़िल्म जगत में एक स्ट्रगलर थे। एक दिन वे कुलदीप सिंह के पास गए और बोले- पापा जी, मैंने स्ट्रगल कर रहे कलाकारों की एक टीम बनाई है और उन्हें लेकर एक फिल्म कर रहा हूं। कुलदीप सिंह ने बिना पारिश्रमिक मांगे फ़िल्म 'अंकुश' का संगीत दिया। गीतकार अभिलाष ने गीत लिखे। फिल्म हिट हुई। गीत संगीत भी हिट हुआ। पब्लिसिटी में हर जगह सिर्फ एन चंद्रा का नाम था। इस फिल्म की सफलता के साथ चंदूजी एन चंद्रा बन गए। उन्होंने पीछे पलट कर दुबारा कुलदीप सिंह और अभिलाष की तरफ नहीं देखा। बता दें कि इस साल बॉलिवुड के कई बड़े कलाकारों की जान कैंसर की वजह से गई है, जिनमें ऋषि कपूर और इरफान खान जैसे स्टार्स भी शामल हैं। म्यूजिक की दुनिया में पिछले दिनों तब काफी हलचल रही, जब बॉलिवुड के दिग्‍गज सिंगर एसपी बाला सुब्रमण्यम के निधन की खबर आई। 25 सितम्बर की दोपहर एसपी बाला सुब्रमण्यम ने भी इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। वह कोरोना से संक्रमित थे। बीते 5 अगस्त को उनके अस्पताल में ऐडमिट होने की खबर आई थी। उन्होंने एक वीडियो के जरिए बताया था कि उनको खास लक्षण नहीं थे।


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