'तंगहाली' और 'भीख मांगने' की खबरों से दुखी गीतकार संतोष आनंद, बोले- मदद मांगने नहीं गया था, पर जब...

गीतकार संतोष आनंद हाल ही 'इंडियन आइडल 12' में नजर आए थे, जहां उनकी कहानी और जिंदगी के अहम किस्सों को शो में दिखाया गया। उनकी कहानी से भावुक होकर नेहा कक्कड़ ने संतोष आनंद को 5 लाख रुपये दिए। इस मदद पर जहां कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर शो मेकर्स की तारीफ की, तो कुछ ने इसे टीआरपी स्टंट बताया। वहीं सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें होने लगीं कि संतोष आनंद बहुत ही बदहाल और तंगहाली में हैं। वह भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं और उनके ऊपर खूब कर्ज हो गया है। अपने बारे में ऐसी बातों से संतोष आनंद बुरी तरह खफा हैं और अब उन्होंने इस पर रिऐक्शन दिया है। संतोष आनंद बोले-किसी से भीख या मदद मांगने नहीं गया था 'अमर उजाला' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संतोष आनंद ने कहा, 'नेहा कक्कड़ बहुत अच्छी हैं। उन्होंने सम्मान के तौर पर मुझे 5 लाख रुपये देने की बात कही थी तो मैंने यह कहकर मना कर दिया था कि मैं बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति हूं। पर जब नेहा ने खुद को मेरी पोती बताया तब मैंने वह दक्षिणा कबूल की। इंसान को खाने के लिए सिर्फ 2 रोटी चाहिए। मैं आत्मनिर्भर हूं, स्वाभिमानी हूं। मैं किसी से मदद मांगने नहीं गया था।' 'जनता के प्यार ने जिंदा रखा है' वहीं एक इंटरव्यू में संतोष आनंद ने कहा, 'दुनिया में पैसा ही सबकुछ नहीं होता, प्यार और सम्मान सबसे जरूरी है। मैंने अपने जीवन में नाम और शोहरत के साथ लोगों का प्यार कमाया है। जनता के प्यार ने ही मुझे जिंदा रखा है। छींक भी आती है तो कुछ लोग उसमें भी नेगेटिव और पॉजिटिव निकालने लगते हैं। ऐसे लोगों को नजरअंदाज करना चाहिए।' पढ़ें: ऐक्सिडेंट में पैर खोए, 2014 में बेटा खोया बता दें कि संतोष आनंद ने 'मैं ना भूलूंगा', 'जिंदगी की ना टूटे लड़ी' और 'एक प्यार का नगमा है' जैसे ढेरों गानों के लिरिक्स लिखे हैं, लेकिन संतोष आनंद की जिंदगी बहुत ही कठिनाई और मुश्किलों से गुजरी। नाम तो उनका संतोष आनंद है, पर न तो उन्हें कभी संतोष ही मिला और न ही आनंद। जवानी में ही एक दुर्घटना में संतोष आनंद ने अपने दोनों पैर खो दिए थे और 2014 में उनका जवान बेटे ने आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संतोष आनंद के बेटे संकल्प, गृह मंत्रालय में IAS अधिकारियों को सोशियॉलजी और क्रिमिनॉलजी पढ़ाया करते थे और जान देने से पहले उन्होंने 10 पेज का सूइसाइड नोट भी लिखा था। बुलंदशहर के सिकंदराबाद में जन्मे संतोष आनंद ने अपने करियर की शुरुआत 1970 में फिल्म 'पूरब और पश्चिम' से की थी। इसके बाद 1972 में फिल्म 'शोर' में उन्होंने 'एक प्यार का नगमा है' गाना दिया, जिसे लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने कंपोज किया था। यह गाना खूब हिट रहा था।


from Entertainment News in Hindi, Latest Bollywood Movies News, मनोरंजन न्यूज़, बॉलीवुड मूवी न्यूज़ | Navbharat Times https://ift.tt/3pM0NV1

Post a Comment

0 Comments