Drugs Case: संजना गलरानी और रागिनी द्व‍िवेदी लेती थीं ड्रग्‍स, FSL रिपोर्ट के बाद कैंसल होगी बेल?

बेंगलुरु ड्रग्‍स स्‍कैंडल केस () में साउथ इंडियन फिल्‍मों की ऐक्‍ट्रेस (Sanjjana Galrani) और (Ragini Dwivedi) की मुश्‍किलें बढ़ने वाली हैं। बीते साल दोनों को में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मामले की जांच में ड्रग्‍स के तार फिल्‍म इंडस्‍ट्री में बुरी तरह उलझते गए। हालांकि, दोनों ऐक्‍ट्रेसेज को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन अब करीब एक साल बाद फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट ने मामले में सनसनी बढ़ा दी है। एफएसएल की रिपोर्ट में पुष्‍ट‍ि की गई है कि संजना गलरानी और रागिनी द्व‍िवेदी ड्रग्‍स लेती थीं। हालांकि, संजना गलरानी का कहना है कि उन्हें सीएफएसएल रिपोर्ट (FSL Report) के बारे में कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट की डिटेल मिलने पर ही वह इस मामले में कुछ कहना चाहेंगी। बालों के सैंपल से की गई जांचसेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि संजना गलरानी, रागिनी द्विवेदी और अन्य लोगों ने ड्रग्‍स का सेवन किया था। मामले में गिरफ्तार दोनों ही ऐक्‍ट्रेस अभी जमानत पर रिहा हैं। जांच के लिए दोनों के बालों का सैंपल लिया गया था। पुलिस ने मामले में इवेंट मैनेजर वीरेन खन्ना, पूर्व दिवंगत मंत्री के बेटे और बॉलि‍वुड ऐक्‍टर विवेक ओबराय के करीबी रिश्तेदार आदित्य अल्वा को भी गिरफ्तार किया है। ऐक्‍ट्रेसेस के साथ आरोपियों में इनके नाम भीहालांकि, इस पूरे मामले के फिर से सामने आने के बाद सभी आरोपियों ने एक बार फिर खुद को निर्दोष बताया है। न्‍यूज एजेंसी 'आईएएनएस' की रिपोर्ट में कहा गया है कि CFSL ने अपनी जांच रिपोर्ट में साफ शब्‍दों में कहा है कि संजना गलरानी, रागिनी द्व‍िवेदी, वीरेन खन्ना, राहुल टोनसे और दोनों इवेंट मैनेजर ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहे थे। सीसीबी कर रही है मामले की जांचड्रग्‍स स्‍कैंडल मामले की जांच सिटी क्राइम ब्रांच (सीसीबी) कर रही है। नशीली दवाओं के सेवन के आरोप में सीसीबी ने भी संजना और रागिनी के बालों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इसे हेयर फॉलिकल टेस्ट या हेयर ड्रग टेस्ट के रूप में जाना जाता है। लैब ने पहली बार संजना और रागिनी के बालों के सैंपल को रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन इसके बाद सीसीबी ने सीएफएसएल को जल्द से जल्द टेस्‍ट रिजल्‍ट देने के लिए भी कहा। पुलिस ने नौ महीने पहले नाखून और पेशाब के सैंपल के साथ बालों के सैंपल भेजे थे। राज्य में पहली बार ड्रग्स मामले में बालों के सैंपल भेजे गए थे। बताया जाता है कि बालों में नशीली दवा के निशान एक साल तक खोजे जा सकते हैं। चार्जशीट में जोड़ी जाएगी एफएसएल रिपोर्टआम तौर पर ऐसे जांच के लिए ब्‍लड और यूरिन सैंपल भेजे जाते है। इन नमूनों के आधार पर 24 से 48 घंटों के भीतर यह पता लगाया जा सकता है कि आरोपी ने ड्रग्‍स लिए हैं या नहीं। मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर पुनीत ने बेंगलुरु की 33वीं सीसीएच अदालत को रिपोर्ट सौंप दी है। दोनों ऐक्‍ट्रेसेज और अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट में भी FSL की रिपोर्ट जोड़ी जाएगी। सीसीबी ने एक प्रेस नोट जारी कर दावा किया कि उन्होंने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) मामलों के आरोपियों के बालों के नमूने हैदराबाद सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को भेजे हैं। अध‍िकारी बोले- नई तकनीक से मिलेगा फायदाजॉइंट कमिश्‍नर (क्राइम) संदीप पाटिल ने कहा कि बालों के नमूने से 1 साल तक नशीली दवाओं का पता लगाया जा सकता है। इस नई तकनीक ने पुलिस को एनडीपीएस मामलों में आरोपियों की नशीली दवाओं की खपत का पता लगाने में मदद की है। पुलिस आयुक्त कमल पंत ने भी सीसीबी पुलिस द्वारा नए तरीके के प्रयास और उपयोग की सराहना की है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के सेवन में शामिल लोगों के लिए यह एक खतरे की घंटी है। सितंबर महीने में गिरफ्तार हई थीं ऐक्‍ट्रेसेसगौरतलब है कि बेंगलुरु पुलिस ने सितंबर 2020 में संजना गलरानी और रागिनी द्विवेदी को ड्रग्‍स केस में गिरफ्तार किया था। संजना को दिसंबर 2020 में जमानत दी गई थी। जबकि रागिनी द्विवेदी की जमानत याचिका कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद जनवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट से रागिनी को जमानत मिली थी।


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