'' () अब डेढ़ महीने के सफर से आगे बढ़ गया है। शो के कंटेस्टेंट्स जहां ग्रैंड प्रीमियर के दूसरे ही दिन से घर के अंदर लड़ाई-झगड़ों में ऐक्टिव हो गए थे, वहीं अब शो कहीं न कहीं बोझिल होता जा रहा है। ऐसा इसलिए कि दर्शकों को अब पहले ही यह अंदाजा हो जाता है कि किस मुद्दे पर कौन चीखेगा, कौन किसका साथ देगा और टास्क में कौन क्या करने वाला है। हालांकि, इसमें कोई दोराय नहीं है कि करण कुंद्रा, शमिता शेट्टी, तेजस्वी प्रकाश, प्रतीक सहजपाल और निशांत भट्ट शो के दमदार-5 कंटेस्टेंट बनकर उभरे हैं। लेकिन इस बीच शो में कुछ ऐसा हुआ है, जो दर्शकों के गले नहीं उतर रहा। शो में बीते कुछ हफ्तों से () और () 'लव बर्ड्स' बने नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर जहां एक ओर दोनों के फैन्स बहुत खुश है, वहीं बड़ी संख्या में दर्शक ऐसे भी हैं, जिन्हें यह लव स्टोरी फेक (Fake Love Story) लग रही है। 'बिग बॉस' के इतिहास में करीब-करीब हर सीजन में 'लव बर्ड्स' नजर आते हैं। इस सीजन में भी पहले मायशा अय्यर और ईशान सहगल की प्रेम कहानी शुरू हुई थी। लेकिन अब दोनों घर के बाहर हैं। प्रतीक सहजपाल और अकाशा सिंह के बीच भी दोस्ती बढ़ी, लेकिन इससे पहले कि मामला आगे बढ़ता, अकाशा शो से बाहर हो गईं। टीआरपी का गणित बताता है कि 'बिग बॉस' के घर की लव स्टोरी दर्शकों को हमेशा पसंद आती है। फिर चाहे ओटीटी पर राकेश-शमिता की जोड़ी हो या निशांत भट्ट और मूस जट्टाना की। 'बिग बॉस 14' में भी एजाज खान और पवित्रा पुनिया के साथ ही अली गोनी और जैस्मीन भसीन के बीच प्यार परवान चढ़ा। लेकिन करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश के बीच प्यार की यह लहर अगर उठी भी है, तो इसकी ठंडी हवा कहीं न कहीं दर्शकों तक पहुंच नहीं रही है। जाहिर है कि सवाल यही है कि यदि ऐसा है तो क्यों है? और यदि ऐसा नहीं है तो ये हो क्यों रहा है? बीते कुछ हफ्तों में शो में जो भी हुआ, उस पर गौर करने के बाद 5 ऐसे कारण निकलकर आते हैं, जिन पर गौर किया जाए तो किसी को भी करण और तेजस्वी के प्यार को पचाने में दिक्कत हो सकती है! 1. अचानक शुरू हो गई लव स्टोरी करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश की लव स्टोरी की सबसे बड़ी कमी जो समझ में आती है, वो यह है कि यह अचानक शुरू हो गई। 'बिग बॉस 15' ओटीटी पर 24 घंटे लाइव है। हर दिन शो का एक एपिसोड टेलिकास्ट होता है। लेकिन करण और तेजस्वी के दिल में प्यार के बीज ने कब अंकुरन ले लिया इसकी खबर किसी को नहीं हुई। देखते ही देखते अचानक दोनों साथ दिखने लगे। अचानक ही हाथों में हाथ और बाहों में आंहे भरने लगा। असल समस्या यहीं शुरू हुई। हर दिन शो देखने वालों को यह समझ ही नहीं आया कि कब दोनों इतने करीब आ गए। कुछ दिनों पहले एक एपिसोड में गार्डन एरिया में करण और तेजस्वी को इस बारे में बात करते हुए भी देखा गया। तेजस्वी, करण से कहती हैं कि वह यहां इंडिपेंडेंट खेलने आई हैं। उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी ने क्या करने को कहा है। इस पर करण उन्हें कहते हैं कि वह बाद में पछताएंगी। जाहिर है कि इस तरह की बातचीत से दर्शकों का यह अंदेशा गहरा जाता है कि या तो दोनों ने ये 'लव स्टोरी' प्लान की है। या फिर गाहे-बगाहे मेकर्स ने ही इस ओर इशारा किया है। 2. दोनों का रिएक्शन ऑर्गेनिक नहीं करण और तेजस्वी दोनों स्ट्रॉन्ग पर्सनैलिटी हैं। दोनों समझदार हैं। करण जहां आम तौर पर सोबर और शांत दिखते हैं, वहीं तेजस्वी फनी और चंचल हैं। दोनों साथ में अच्छे दिखते हैं। स्ट्रैटेजी भी अच्छी बनाते हैं। लेकिन उनका एकसाथ होना, प्यार कम और दोस्ती ज्यादा लगता है। ऐसा इसलिए कि शायद उनकी बातें, उनकी भावनाएं ऑर्गेनिक यानी खुद-ब-खुद पनपी हुई नहीं लगती है। दोनों को देखकर लगता है कि कहीं तो कुछ मिसिंग है। ज्यादा दिन नहीं हुए जब हमने निशांत और मूस को साथ देखा था। एजाज और पवित्रा का भी साथ देखा। शहनाज और सिद्धार्थ को भी देखा और आसिम-हिमांशी को भी। याद कीजिए, पर्दे पर उन्हें देखकर उनका प्यार हम दर्शक भी महसूस करते थे। वो झगड़ते थे तो हम भी चिंता में पड़ जाते थे। लेकिन करण और तेजस्वी के केस में यह कनेक्ट मिसिंग है। 3. करण कुंद्रा की दूरियां, तेजस्वी की नजदीकियां आपने गौर किया होगा। कमोबेश हर एपिसोड में हम यह देख रहे हैं। तेजस्वी जब भी करण के पास आती हैं, उनसे गले मिलती हैं, उन्हें पकड़कर बैठती हैं, उनके सीने पर सिर रखकर सोती हैं, ऐसे हर मौके पर करण के रिएक्शन पर गौर कीजिएगा। ऐसा नहीं है कि वह तेजस्वी को दूर कर देते हैं, लेकिन जब भी ऐसा होता है करण इन सब चीजों को ऐसे स्वीकार करते हैं, जैसे या तो उन्हें इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता, या फिर ऐसे जैसे वह थोड़ा हिचक रहे हों। शो में शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब दोनों प्यार में डूबकर एक-दूसरे से गले मिले हों। 4. प्यार के इजहार से कतराते हैं दोनों सोशल मीडिया पर बिग बॉस के दर्शकों का सबसे बड़ा पॉइंट यही है और यह एक तरह से सच भी है। करण और तेजस्वी बीते कुछ हफ्तों से टीवी पर लव बर्ड्स तो बने हुए हैं, लेकिन प्यार का इजहार करने से दोनों कतराते हैं। अभी तक के एपिसोड्स में तेजस्वी ने एक बार करण को अपना 'बॉयफ्रेंड' और एक बार 'क्रश' बताया है। जबकि करण कुंद्रा की तरफ से तेजस्वी के लिए कभी ऐसा कोई इजहार नहीं आया। करण ने बहुत से बहुत एक या दो बार यह जरूर कहा है कि वह 'तेजस्वी को पसंद करते' हैं। जाहिर है, यदि दोनों को प्यार हुआ है तो इसका इजहार भी होना चाहिए। इससे फैन्स को क्लैरिटी यानी स्पष्टता मिलती है। लेकिन दोनों न तो बॉडी लैंग्वेज से और न ही खुलकर बोलकर इसका इजहार करते हैं। कहीं न कहीं खुद को रोकते हैं। शायद यह इसलिए भी कि बाहर भी एक दुनिया है और यदि घर के अंदर ऐसा कोई इजहार होता है तो उसका असर शो के बाहर की दुनिया पर भी पड़ता है। 5. एकमत होने में भी स्ट्रगल करण और तेजस्वी दोनों ही स्मार्ट प्लेयर्स हैं। स्मार्ट यानी स्ट्रैटेजी बनाने में माहिर। ऐसे में दो एक जैसे कंटेस्टेंट्स का एकसाथ आना उनके गेम को बहुत मजबूत बना देता है। दोनों मैनुपुलेट करने में भी माहिर हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि दोनों की यह जोड़ी गेम में दोनों को आगे ले जाएगी। लेकिन गौर कीजिएगा, करीब-करीब हर एपिसोड में, दोनों एक-दूसरे से यह वादा जरूर करते हैं या याद दिलाते नजर आते हैं कि कोई भी बात हो, हमें एकमत रहना है। एक ही मुद्दे पर अलग-अलग राय नहीं रखनी है। प्यार में इतनी पेचीदगी नहीं होती। प्यार में आप अपने साथी के लिए बिना बोले, बिना जताए हर पल खड़े रहते हैं। खुद हारकर भी उसे जीत दिलाते हैं। करण और तेजस्वी के केस में कहीं न कहीं कुछ तो केमिकल लोचा जरूर है।
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