नीरज का पुलिस को बयान- सुशांत के लिए बनाकर रखी थीं गांजे वाली सिगरेट

सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई कर रही है। इससे पहले मुंबई पुलिस इस मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ कर चुकी है। सुशांत के कुक नीरज ने मुंबई को जो बयान दिया था वो मीडिया में आया है। नीरज ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि सुशांत ड्रग्स (मैरुआना जॉइंट्स) लेते थे। नीरज ने बताया कि उसने 3 दिन के जॉइंट्स बनाकर रखे थे और सुशांत की मौत के बाद चेक किया तो सिगरेट बॉक्स खाली था।

Sushant Singh Rajput के कुक नीरज का चौंकाने वाला बयान सुर्खियों में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने मुंबई पुलिस के सामने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने अपने काम शुरू करने से लेकर सुशांत की मौत वाले दिन तक की बातें बताई हैं।


नीरज का घर पर था ये काम

इंडियाटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरज ने 3 पन्ने का बयान मुंबई पुलिस को दिया था। इस बयान में कई खुलासे किए हैं। नीरज ने बताया कि उसने अप्रैल 2019 में सुशांत के घर हाउसकीपिंग स्टाफ के तौर पर काम शुरू किया था। नीरज ने बताया, मैंने उनके कैप्री हाइट्स वाले घर पर काम करना शुरू किया था। मेरा काम साफ-सफाई, कुत्तों को टहलाना, सुशांत सर को चाय-खाना सर्व करना था।



ये लोग करते थे सुशांत के लिए काम
ये लोग करते थे सुशांत के लिए काम

नीरज ने बताया, जब मैने उनके यहां काम करना शुरू किया तो रजत मेवाती, सिद्धार्थ पिठानी, आयुष, सैमुअल मिरांडा, आनंदी, सैमुअल हाओकिप, अशोक खासु और केशव सुशांत के लिए काम करते थे। इसके बाद सुशांत सर माउंट ब्लांक अपार्टमेंट में दिसंबर 2019 में शिफ्ट हो गए। उन्होंने पुराने घर के हॉन्टेड होने की बात भी बताई।



वॉकी-टॉकी पर सुनाई दी आवाज
वॉकी-टॉकी पर सुनाई दी आवाज

नीरज ने कैप्री हाइट्स अपार्टमेंट के हॉन्टेड होने की बात भी बताई। उन्होंने कहा, हमें वॉकी-टॉकी सेट्स दिए गए थे जिस पर सुशांत सर हमें काम बताते या हमसे बात करते थे। एक रात जब मैं सो रहा था, वॉकी-टॉकी पर सुनाई दिया 'नीरज लाइट बंद कर दो'। मैं सुशांत सर के बेडरूम के पास गया तो देखा सर सो रहे थे और उनकी लाइट्स बंद थीं। कुछ देर बाद मुझे फिर वही सुनाई दिया। फिर जाकर देखा तो लाइट्स बंद थीं और सर सो रहे थे। मैं बहुत डर गया और उस रात मुझे नींद नहीं आई। हम वहां रहते थे तो लिफ्ट के ऊपर-नीचे जाने और कभी-कभी ड्रम बजते हुए सुनाई देते थे। इसी वजह से सुशांत सर ने वो घर छोड़ दिया था।



सुशांत के मरने के बाद सिगरेट बॉक्स दिखा खाली
सुशांत के मरने के बाद सिगरेट बॉक्स दिखा खाली

नीरज ने बताया, सुशांत सर हफ्ते में एक या दो बार आनंदी, रिया और आयुष के साथ घर पर पार्टी करते थे। वह शराब और गांजा लेते थे। सैमुअल जैकब सुशांत सर के लिए जॉइंट रोल करते थे। कभी-कभी मैं भी जॉइंट्स रोल करता था। सुशांत सर की सूइसाइड के पहले मैंने उनके लिए 3 दिन के मैरुआना सिगरेट्स सीढ़ियों के पास सिगरेट केस में रखे थे। उनकी सूइसाइड के बाद मैंने देखा तो सिगरेट बॉक्स खाली था।



लॉकडाउन में घर पर करते थे वर्कआउट
लॉकडाउन में घर पर करते थे वर्कआउट

रिया के सुशांत के साथ रहने के बारे में नीरज ने बताया कि लॉकडाउन में रिया माउंट ब्लांक में शिफ्ट हो गई थीं। वह कभी-कभी अपने पैरंट्स से मिलने जाती थीं या उनके पैरंट्स आ जाते थे। लॉकडाउन के दौरान रिया और सुशांत सर उठकर ब्लैक कॉफी लेते और छत पर वर्कआउट करते थे।



गुस्से में गई थीं रिया
गुस्से में गई थीं रिया

नीरज ने बताया, 8 जून को केशव ने सबके लिए डिनर बनाया। हम खाना सर्व करने जा रहे थे तभी रिया मैम ने मुझे फोन करके बैग पैक करने के लिए कहा। रिया मैम काफी गुस्से में लग रही थीं और उन्होंने कहा कि बाकी कपड़े बाद में ले जाएंगी। वह अपने भाई शोविक के साथ बिना डिनर किए चली गईं। उस वक्त सुशांत सर पूरे वक्त कमरे में ही रहे, उसी दिन मीतू दीदी घर आईं।



मीतू दीदी के साथ खाते थे खाना
मीतू दीदी के साथ खाते थे खाना

मीतू दीदी 12 जून को वापस चली गईं और मुझसे कहा कि वह 2 या 3 दिनों में वापस आ जाएंगी और मुझसे सर का ध्यान रखने के लिए कहा। मीतू दीदी घर पर थीं तो सर उनके साथ खाना खाते थे।



14 जून का वो मनहूस दिन
14 जून का वो मनहूस दिन

नीरज ने बताया, 14 जून को 8 बजे के बाद मैं सीढ़ियों पर झाड़ू लगा रहा था। सुशांत सर बाहर आए और मुझसे ठंडा पानी मांगा। मुझसे सफाई के बारे में पूछा और मुस्कुराकर चले गए। 9.30 बजे के आसपास केशव सर को केले और नारियल पानी देकर आया। उसने लौटकर बताया कि उन्होंने सिर्फ नारियल पानी लिया है। 10.30 के आसपास वह फिर से खाना पूछने गया लेकिन कमरा अंदर से बंद था। उसे लगा कि सर सो रहे हैं तो वह नीचे आ गया। केशव ने ये बात दीपेश और सिद्धार्थ को बताई। वो लोग भी जाकर खटखाने लगे। मीतू दीदी ने दरवाजा खोलने को कहा। सिद्धार्थ ने चाबीवाले को बुला लिया।



कमरे में था अंधेरा और...
कमरे में था अंधेरा और...

दीपेश ने दरवाजा खोला तो अंदर अंधेरा था और एसी चल रहा था। दीपेश ने लाइट जलाई। सिद्धार्थ अंदर गया और तुरंत वापस आ गया। उसके पीछे मैं और दीपेश अंदर गए। मैंने देखा कि सुशांत सर का चेहरा खिड़की की तरफ था और वह हरे रंग के कुर्ते से पंखे से लटक रहे थे। सिद्धार्थ ने फोन करके मीतू दीदी को बताया। सिद्धार्थ ने मुझसे चाकू मंगवाया। मैं चाकू लाया और सिद्धार्थ ने कुर्ता काटा और सर की बॉडी नीचे उतारी। तभी मीतू दीदी आकर चिल्लाईं, 'गुलशन तूने ये क्या किया'। सिद्धार्थ ने सर की छाती पंप करने की कोशिश की। फिर पुलिस को बुलाया।





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