बॉलिवुड ऐक्ट्रेस के दफ्तर में बीएमसी () के द्वारा की गई तोड़-फोड़ की कार्रवाई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गलत बताया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि बीएमसी ने यह कार्रवाई गलत नियत के साथ की है। सर्वे करने वाले अधिकारी कौन थे बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि क‍िस तरह से इतनी जल्‍दी बीएमसी ने कार्रवाई की है। ज‍ितनी तेजी से आपने एक द‍िन पहले सर्वे क‍िया और अगले द‍िन कार्रवाई की, इतनी जल्‍दी तो आप कोर्ट में र‍िप्‍लाई भी नहीं करते। हाई कोर्ट ने पूछा है क‍ि बीएमसी के वो अध‍िकारी कौन थे जो कंगना रनौत के दफ्तर सर्वे करने गए थे। कोर्ट ने कहा क‍ि पहली बार मामले को देखने पर यही लगता है क‍ि गलत नियत से कार्रवाई की गई है। कंगना के वकील बोले- कार्रवाई नहीं, दुश्मनी निकाली गई कंगना रनौत के वकील ने कहा क‍ि यह कार्रवाई नहीं है, दुश्‍मनी न‍िकाली गई है। कंगना महाराष्‍ट्र सरकार और श‍िवसेना के ख‍िलाफ खड़ी थी, इसलिए बीएमसी को हथ‍ियार बनाया गया। उन्होंने आगे कहा कि वह घर पुराना था और मानसून का मौमस आ रहा था, इसलिए थोड़ी बहुत मरम्‍मत का काम हो रहा था। तोड़ने में वक्त नहीं लगता, जवाब में समय लगता है- कोर्ट बताते चलें कि कंगना रनौत ने बीएमसी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दी थी। गुरुवार को कोर्ट ने कुछ देर सुनवाई हुई और फिर सुनवाई टाल दी गई थी। अब शुक्रवार को जिरह हो रही है। कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि तोड़ने में आपको वक्त नहीं लगता, जवाब मांगा जाता है तो समय चाहिए? कोर्ट ने इमारत गिराने पर भी बीएमसी को फटकार लगाई। मकान गिराने में फुर्ती दिखती है तो मरम्मत में सुस्ती क्यों दिखाई देती है। कंगना रनौत का ट्वीट कंगना रनौत ने भी ट्वीट करते हुए लिखा था, 'हाईकोर्ट के माननीय जज, इसने मेरी आखों में आंसू ला दिए। मुंबई की बरसात में वास्तव में मेरा घर बिखर रहा है। मेरे टूटे हुए घर को लेकर आपने जिस सहानुभूति के साथ सोचा, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मेरा दिल पर लगा जख्म भर गया है। मैंने जिसे खो दिया था उसे वापस देने के लिए आपका शुक्रिया।'


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