'मेरे साथ धोखा हुआ है', सान्‍या मल्‍होत्रा की 'पगलैट' देखकर टूटा सीमा पाहवा के सब्र का बांध

सान्‍या मल्‍होत्रा (Sanya Malhotra) की फिल्‍म 'पगलैट' (Pagglait) हाल ही ओटीटी प्‍लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है। फिल्‍म को दर्शकों से अच्‍छा रेस्‍पॉन्‍स भी मिला है। लेकिन दिग्‍गज ऐक्‍ट्रेस और डायरेक्‍टर सीमा पाहवा (Seema Pahwa) इस फिल्‍म से नाराज हैं। इसकी वजह से सीमा पाहवा के डायरेक्‍शन में बनी फिल्‍म 'राम प्रसाद की तेरहवी', (Ramprasad Ki Tehrvi) जो 1 जनवरी 2021 को थ‍िएटर्स में रिलीज हुई थी। इन दोनों फिल्‍मों की कहानी में बहुत सी समानताएं हैं। ऐसे में सीमा पाहवा का कहना है कि वह ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। ऐसा जैसे उनके साथ धोखा (feeling cheated) हुआ हो। क्‍या कॉपी कर बनाई गई है 'पगलैट'बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर भी लोग 'पगलैट' और 'राम प्रसाद की तेरहवी' की खूब तुलना कर रहे हैं। बहुत से लोगों ने तो इसे कॉपी करने का मामला भी बताया है। सीमा पाहवा की फिल्‍म पहले रिलीज हुई है। 'राम प्रसाद की तेरहवी' को अक्‍टूबर 2019 में मियामी फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल में दिखाया था। जबकि इसके ठीक बाद नवंबर 2019 में 'पगलैट' की शूटिंग शुरू हुई। फिल्‍म देखकर दुखी हुईं सीमा पाहवासीमा पाहवा ने भी 'पगलैट' देखी है। 'द क्‍व‍िंट' से बातचीत में सीमा कहती हैं, 'हां, मैंने पगलैट देखी है। ईमानदारी से कहती हूं, मैं फिल्‍म देखकर बहुत दुखी हो गई। इसके बाद मैंने लॉजिक के साथ सोचना शुरू किया कि हो सकता है कि दो लोग एक ही समय पर एक जैसी चीज सोच रहे हों।' 'उन्‍हें बदल लेनी चाहिए थी स्‍क्र‍िप्‍ट'सीमा आगे कहती हैं, 'यह संभव है। लेकिन मुझे बुरा लगा। खासकर इसलिए भी कि इस फिल्‍म की शूटिंग तब शुरू हुई जब लोग पहले ही 'राम प्रसाद की तेरहवी' देख चुके थे। उन्‍हें यह कॉन्‍सेप्‍ट पहले से पता था। इसलिए मुझे बुरा लगा कि शायद उन लोगों को अपनी स्‍क्र‍िप्‍ट में बदलाव कर लेना चाहिए था। लेकिन उन्‍होंने इस बात को अनदेखा किया। मुझे नहीं पता कि इसके पीछे क्‍या कारण रहे होंगे।' 'उन्‍होंने नहीं समझी बदलने की जरूरत'सीमा पाहवा आगे कहती हैं, 'बहुत संभव है कि वो लोग स्‍क्र‍िप्‍ट में बहुत आगे पहुंच चुके होंगे और हमारी फिल्‍म देखने के बाद भी उन्‍हें ऐसा लगा होगा कि इसमें कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है।' एक ही लोकेशन पर शूट हुई हैं दोनों फिल्‍मेंएक मजेदार बात यह भी है कि दोनों ही फिल्‍में एक ही लोकेशन पर भी शूट हुई हैं। सीमा पाहवा कहती हैं, 'हो सकता है कि उन लोगों को लगा हो कि फिल्‍म में कोई समानता नहीं है। लेकिन जब आप एक ही लोकेशन पर शूट करते हैं तो समानताएं और ज्‍यादा दिखने लगती हैं। उन लोगों ने उसी घर में फिल्‍म शूट की, जिसमें 'राम प्रसाद की तेरहवी' शूट हुई थी। यही नहीं, ऐसे कई संयोग हैं, जो दोनों फिल्‍मों में एक जैसे हैं।' 'पगलैट' की टीम से किसी ने नहीं किया कॉन्‍टैक्‍टसीमा पाहवा से पूछा गया कि क्‍या उन्‍होंने कभी 'पगलैट' के डायरेक्‍टर उमेश बिस्‍ट से इस बारे में बात नहीं की? सीमा ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बातचीत उन्हें मेरे साथ तभी करनी चाहिए थी जब उन्होंने मेरी फिल्म मियामी में देखी थी। यदि गुनीत या फिल्म से संबंधित किसी ने भी मुझसे बात की होती, तो यह बेहतर होता कि वह अपनी फिल्‍म की स्क्रिप्ट को थोड़ा मोड़ देते। यदि मुझे भी पता होता कि एक और फिल्म है जिसमें ये सारी चीजें पहले ही दिखाई जा चुकी हैं, तो मैं भी अपनी स्क्रिप्ट में बदलाव जरूर करती।' 'मैं ठगी गई, धोखा हुआ है मेरे साथ'सीमा पाहवा आगे कहती हैं कि वह 'ठगा' हुआ महसूस कर रही हैं। ऐसे जैसे उनके साथ धोखा हुआ है। सीमा कहती हैं, 'यह सच है कि जब ऐसा होता है तो आप ठगा हुआ महसूस करते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने आपको धोखा दिया है। मैं बस इतना जानती हूं कि मैंने एक फिल्‍म बनाई, वो भी पूरी ईमानदारी के साथ। दर्शकों और समीक्षकों ने फिल्‍म की प्रशंसा की। मेरी फिल्‍म 60 दिनों तक थ‍िएटर्स में चली और यही मेरा पुरस्‍कार है।' सीमा पाहवा की फिल्‍म में दिग्‍गजों ने किया है कामबता दें कि सीमा पाहवा की बतौर डारेक्‍टर डेब्‍यू फिल्‍म 'राम प्रसाद की तेरहवी' में नसीरुद्दीन शाह, विक्रांत मैसी, कोंकना सेन शर्मा, विनय पाठक, सुप्र‍िया पाठक, मनोज पाहवा और विनीत कुमार मुख्‍य भूमिकाओं में है। फिल्‍म की कहानी में एक पूरा परिवार 13 दिनों के लिए फैमिली में हुए एक निधन की कर्म क्रिया में शरीक होने के लिए इकट्ठा होता है।


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